Wednesday, 2 September 2015

औरंगजेब बनाम अब्दुल कलाम


आजकल न्यूज़ मे यह खबर बार बार आ रही थी की औरंगजेब रोड का नाम बदल कर भारत के पूर्व राष्ट्रपति  ए० पी० जे० अब्दुल कलाम रोड किया जाये ऐसी मांग उठ रही है। शुकवार को नई दिल्ली नगर निगम के उप सभापति श्री करन सिंह तंवर ने कहा कि सदन में औरंगज़ेब रोड का नाम बदल कर पूर्व राष्ट्रपति के नाम पर करने के लिए सभी ने सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया। दिल्ली के मुख्य मंत्री भी एन० डी० एम ० सी०के सदस्य है इस मीटिंग में मौजूद थे। उन्होंने भी ट्वीट कर हर्ष व्यक्त किया।

औरंगज़ेब रोड का ही नाम क्यों चेंज करके उसे रीनेम किया  जाये इसके जवाब में अजीब अजीब वक्तव्य आये जिसमे किसी ने औरंगज़ेब को क्रूर शासक बताया इसलिए उसके नाम के बजाय उस रोड को अब्दुल कलाम नाम देना ठीक रहेगा।

१९११ से १९३१ के बीच जब नई दिल्ली की  रोड्स एवं पार्क्स को नाम देने के विषय में योजना बनाई तो दिल्ली की ऐतिहासिक सम्पदा को जीवित रखना चाहते थे सो उन्होंने कई लोदी ,तुगलक ,मुग़ल ,हिन्दू ,मंगोल,पठान व् राजपूत लगभग इतिहास के सभी वंशजों जिन्होंने ने भी दिल्ली के इतिहास में कोई योगदान दिया था उनके नाम पर नामकरण किया तो उन्होंने बिना पक्षपात के इंडिया गेट के चारों तरफ की रोड्स को पृथ्वीराज चौहान ,अशोक ,औरंगजेब, शाहजहाँ व् शेर शाह सूरी आदि के नाम पर नाम रखे।

डॉ ए० पी० जे० अब्दुल कलाम हमारे देश की ऐसी शख्सियत है कि उनके नाम पर किसी रोड किसी बिल्डिंग किसी पार्क का नाम रखा जाये तो किसी भी हिंदुस्तानी को एतराज नही होगा किन्तु यदि किसी रोड का नाम बदलने के बजाय किसी महत्वपूर्ण रोड का नामकरण उनके नाम पर किया जाता तो शायद श्रद्धांजलि देने का ये तरीका ज्यादा उपयुक्त रहता। मैं तो कहती हूँ की इस तरीके से तो ज्यादा बेहतर तरीका होता यदि हमारी सरकार देश के गरीब योग्य बच्चों को आगे पढ़ने के लिए कलाम साहेब के नाम पर स्कालरशिप देती। विज्ञानं विषय में  महत्वपूर्ण खोज करने के लिए बच्चों को प्रोत्साहित करती या फिर उस मिसाइल मैन को श्रद्धांजलि देने का एक तरीका ये भी हो सकता है कि हमारी अगली मिसाइल का नाम उनके नाम पर हो।

हर चीज पर राजनीतिक सियासत करने के बजाय यदि हमारे सियासतदान उन्हें सच्चे मन से याद करने के लिए कोई कोई स्कूल जहाँ  विज्ञानं की खोजों के लिए उत्तम लैब्स जो आधुनिक उपकरणों से लैस हो खोलें तथा वहाँ बच्चे अपनी योग्यता के आधार पर एडमिशन पा  सकें तो डॉ ० कलाम की आत्मा ज्यादा प्रसन्न होगी।

डॉ० कलाम हमारे देश के गौरव है,थे और रहेंगे ओ सियासतदानों उनके नाम पर राजनीति मत करो वो तो ऐसी शख्सियत थे जो राजनीति के गहरे कुए से भी बेदाग निकल कर आये थे।  

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